यहांऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में शनिवार को पासिंग आउट परेड हुई। इस बार 255 कैडेट अफसर बने हैं। इनमें 37 महिलाएं हैं। खास बात है कि ओटीए के 55 साल के इतिहास में पहली बार दो महिला कैडेट को शीर्ष सम्मान मिला। कैडेट प्रीति चौधरी को ‘सॉर्ड ऑफ ऑनर’ और व्रीति को सिल्वर मेडल अवॉर्ड से नवाजा गया। ये दोनों महिला ऑफिसर हरियाणा की रहने वाली हैं। इन्होंने 250 से ज्यादा कैडेट को पछाड़ कर एकेडमी का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान हासिल किया। गोल्ड मेडल कैडेट विवेक सूरज को मिला। 22 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए।
ओटीए में तीसरी बार महिला कैडेट को टॉप अवॉर्ड
– प्रीति चौधरी ‘सॉर्ड ऑफ ऑनर’ पाने वाली ओटीए की तीसरी महिला कैडेट हैं। इससे पहले 2010 में दिव्या और 2015 में एम. अंजना यह सम्मान मिल चुका है।
– प्रीति पानीपत की रहने वाली हैं। उनके पिता इंदर सिंह ऑनरेरी कैप्टन (रिटायर्ड) हैं। मां सुमता देवी टीचर हैं, जबकि व्रीति के पिता बैंकिंग प्रोफेशनल और मां लेक्चरर हैं।
– ओटीए में पहली बार ऐसा हुआ है, जब एकेडमी के दो सबसे बड़े सम्मान (सॉर्ड ऑफ ऑनर और सिल्वर मेडल अवॉर्ड) महिला कैडेट को मिले हैं।
किसे मिलता है सॉर्ड ऑफ ऑनर?
– यह ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी का सर्वोच्च सम्मान है। जो ओवरऑल मेरिट में पहले स्थान पर आने वाले कैडेट को दिया जाता है। इसमें कैडेट की शारीरिक, एकेडमिक, वेपन, लीडरशिप और फील्ड इंजीनियरिंग की क्षमता को परखा जाता है। साथ ही क्रॉस कंट्री रन, बॉक्सिंग और डिबेट जैसे कॉम्पीटिशन जीतने होते हैं।
दो शहीदों की पत्नियां भी अफसर बनीं
– इस बार दो ‘वीर नारी’ सुष्मिता पाण्डेय और नीता देसवाल भी अफसर बनी हैं। ये दोनों शहीद अफसरों की पत्नियां हैं। सुष्मिता के पति मेजर नीरज अरुणाचल में तैनात थे। ऑपरेशन राइनो के दौरान एक हादसे में उनकी मौत हो गई थी। सेना ज्वाइन करने से पहले सुष्मिता लेक्चरर थीं।
– जबकि, दूसरी अफसर बनीं दूसरी कैडेट नीता के पति मेजर अमित देसवाल ‘ऑपरेशन हिफाजत’ के दौरान शहीद हो गए थे।
भूटान समेत तीन पड़ोसी देशों के 22 कैडेट भी ओटीए से निकले
– ओटीए से भूटान के 2 पुरुष और तीन महिला कैडेट, 9 अफगानिस्तान और 8 तजाकिस्तान के पास आउट हुए हैं। ये सभी अपने-अपने देश की सेनाओं में सेवा देंगे।
यह खबर आप हिन्दी रोजगार समाचारपत्र दैनिक एक्स्प्रेस वेबसाइट के द्वारा पढ़ रहे है।
कृप्या अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आए तो ज्यादा से ज्यादा शेयर एवम् लाइक करे:-www.fb.com/dainikexpress
हम खबरें छिपाते नहीं छापते है।